नया कविता संग्रह 'गर्भ की उतरन'

'गर्भ की उतरन' शीर्षक से पुष्पिता अवस्थी की नई कविताओं का संग्रह 
आया है, जिसे अंतिका प्रकाशन ने प्रकाशित किया है । इसमें 
उनकी 72 कविताएँ संकलित हैं, जिन्हें विषयों की विविधता के संदर्भ में 
अलग-अलग खंड के रूप में प्रस्तुत किया गया है । 'मौन', 'पृथ्वी माँ', 
'जननी : सृजन', 'शिशु : बचपन', 'अस्मिता के रूप-अनुरूप', 'संघर्ष', 'अंततः' व 
'प्रेम' - वह 8 शीर्षक हैं, जिनके तहत इस संकलन की कविताओं को 
वर्गीकृत किया गया है । संग्रह की खास बात यह है कि इसमें वर्गीकृत 8 शीर्षकों के साथ 
रेखांकन भी दिए गए हैं, जिन्हें प्रख्यात चित्रकार अशोक भौमिक 
ने रचा है । संकलन के आवरण पर पुर्तगाल के 
दक्षिणी समुद्र तट अलगारसा का छायाचित्र है, 
जो कवयित्री की खुद की फोटोग्राफी रचना है । 
यह संकलन 'पृथ्वी, प्रकृति तथा प्रेम और भाषाओं के वास्तविक पहरुओं को 
समर्पित' है, जिनके बारे में कवयित्री को विश्वास है कि 
'जो यह बख़ूबी समझते हैं कि हम सब इन्हीं शक्तियों की गर्भ की उतरन हैं ।' 
संकलन की भूमिका डॉक्टर रेवती रमण ने लिखी है, तथा 
फ्लैप पर मदन कश्यप की पुष्पिता अवस्थी की कविताओं की पहचान को 
रेखांकित करती हुई सारगर्भित टिप्पणी है । 


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