।। अर्ना ।।
स्त्रीदेह धारी
आत्मा का नाम है ...
झिलमिलाती नीली आँखों में
दिखती है आत्मा की
पारदर्शी स्थिर परछाईं
पूर्ण चाँद सरीखी ।
शब्दों में
गूँजती है उसकी आत्मा की
अनोखी आवाज़
अर्ना की
स्त्री देह को
अचंचल बनाए हुए हैं
साधनारत आत्मा
चेहरे पर उसके
सधा हुआ है आत्मा का सौंदर्य
कि पवित्र हो जाती है
दृष्टा की दृष्टि से अंतर्दृष्टि तक
अर्ना ने
रची है अपनी आत्मा की भाषा
वह सुनती है आत्मा की आवाज़
अर्ना
अपनी आत्मा की सहचर है
जानती है आत्मा की शक्ति को
निज शक्ति में संचारित करना
वह जानती है चुप्पी को सुनना
मौन को पढ़ना
अर्ना की आँखों में
रहती है उसकी आत्मा
नील जलजीवी परी सरीखी
लख कर जिसे
पवित्र कर लेती है दुनिया
अपने संस्कार
संपूर्ण देह में
तरंगित है आत्मा
स्पर्श में उसके
अपना असर
छोड़ती है आत्मा
नीदरलैंड देश के
महारानी दिवस को जन्मी अर्ना
ख़ुश है कि इस दिन
पूरे देश में
रहता है अवकाश
और अवकाश को जीने की
उत्सवी आज़ादी
आत्मा की अलौकिक आभा के कारण
अर्ना की देह में चमकता है विलक्षण सौंदर्य
जिसके लिए तरसती हैं विश्वसुंदियाँ और महारानियाँ तक
(नए प्रकाशित कविता संग्रह 'गर्भ की उतरन' से)
(नए प्रकाशित कविता संग्रह 'गर्भ की उतरन' से)
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