।। कोमल और रेशमी ।।
प्रेम की लिखा-पढ़ी
हृदय के कार्यालय में
होती है
अनुभूतियों की फाइलों में
दबे होते हैं
प्रणय के रस पगे
सजे दस्तावेज
प्रेम का खाता
एक-दूसरे के हृदय में
खुलता है
मेरे प्यार से भी
अधिक कोमल और रेशमी
इस पृथ्वी पर
कुछ नहीं बचा
तुम्हारे लिए
सब कुछ के होते हुए
मेरी तरह ।
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